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& श्री लिंग पुराण $ ३२७

लता पार्वती देवी है । ब्रह्मा हर हैं तो पार्वती ही सावित्री

है । विष्णु महेश्वर हैं तो लक्ष्मी भवानी है । इन्द्र महादेव हैं

तो शची शैल कुमारी हैं। अग्निरूप शिव हैं तो स्वाहा

रूप पार्वती हैं। यम शिव हैं उनकी प्रिया गिरि पुत्री है।

वरुण भगवान रुद्र हैं तो गौरी सर्वार्थ दायिनी है । वायु

चन्द्रशेखर तो शिवा उनकी मनोरमा स्त्री है । चन्द्रशेखर

यदि चन्द्रमा है तो रुद्राणी रोहिणी है। सूर्य यदि शिव है

तो कान्ता उमा देवी है। घड़ानन शिव हैं तो देवसेना

उनकी प्रिया शिवा हैं। यज्ञेश्वर देव दक्ष है तो उमा प्रसूती

हैं।मनु यदि शम्भु है तो उमा शतरूपा हैं। भृगु महादेव हैं

तो ख्याति पार्वती हैं। अर्थात सब पुरुष महेश्वर शंकर

के रूप हैं और सब स्त्रियां उमा पार्वती का स्वरूप है ।

पुल्लिंग के वाचक जितने भी शब्द हैं वह शिव रूप हैं

ओर स्त्रीलिंग से वाचक सभी शब्द उमा पार्वती के रूप

है । सब उमा महेश्वर रूप जानना चाहिए ।

पदार्थों की जो शक्ति है वह सब गौरी रूप है । आठ

प्रकृति भगवती देवी की मूर्ति कही है । जैसे अग्नि से

बहुत से स्फुल्लिंग ( चिनगारी ) उत्पन्न होते हैं। शरीर

धारियों के सब शरीर के रूप हैं और सव शरीर शंकर

के रूप हैं। सुनने योग्य सभी रूप उमा रूप हैं तो श्रोता

रूप सभी शंकर है । सृष्टि करने योग्य सभी रूप उमा है

तो सृष्टा शंकर का रूप हैं। दृश्य पदार्थ यदि पार्वती हैं

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