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जगत्वरिवा जगस्यूतिस्त्रियूर्तिसमृताशया॥ १२२॥
निराश्रया निराहारा गिरंकुश्पदोद्धवा।
चडहस्ता विधिव्राड्टी सम्विणों पद्धारिणों॥१२३॥
हिरण्मयी, महारात्रि, संसारपरिवर्तिका, सुघालिनों,
सुरूपा, भाविनी, हारिणी, प्रभा, उन्मीलनी, सर्वसह,
सर्वप्रत्यवसाक्षिणो, सुसौम्या, चन्द्रवदना, ताण्डवासक्त-
मानमा, सत्त्वशुद्धिकी, शुद्धि, मतलत्रय-विनाशिनो,
जगत्प्रिया, जगनमूरति, त्रिमूर्ति, अमृताश्रया, निराश्रया,
निग्रहा, निरंकुशपदोद्धवा, चन्द्रहस्ता, विचित्राङ्ग,
खग्विणी, पद्मघारिणों।
एरावरविधानज्ना पहापुसु्मपूर्वजा।
विश्लेश्वरप्रिया विद्युत् विद्ुज्निद्धा जिताश्रमा। १२.४॥
विद्चापयी सहन्नाक्षी सहस्रवटनात्पजा।
सहसरश्मि: सर्वस्था महेश्वरफ्दाश्रया॥ १२५॥
क्षालिनि पृण्पयी व्याप्ता तैजसी पद्मवोपिका।
प्रहामायाश्रया मान्या महादेवमनोरमा॥ १२६॥
व्योपलक्ष्मी: सिंहरथा चेकितानामितप्रभा।
वीरेश्वरी विमानस्था विज्ञोका शोकनाशिनी॥ १२७॥
परावरथिधानज्ञा, सहापुरुषपूर्वजा, विश्वेरप्रिया, विद्युत्,
विद्युजिहा,. जितश्रमा,.. विद्यामयों,.. सहसाशक्षो
सहस्नरतदनात्मजा, सहस्तरश्मि, सत्त्वस्था, महेंश्वरपदाश्रया,
क्षालिनी, मृण्मयी, व्याप्ता, तैजसी, पद्मबोधिका,
पहापायाश्रया, मान्या, महादेवमनोरमा, व्योमलक्ष्मी,
सिंहरथा, चेकिताना, अपितप्रभा. वौरेश्वरो, विमानस्था,
विज्ञोका, शोकनाशिनी।
अनाहता कुण्डलिनी नलिनी पद्पधामिनी।
सदानन्दा सदाकीर्तिः सर्वभूताश्रयस्थिता। १२८॥
वाग्देवता ब्रह्मकला कलातीता कलारणी।
ब्रहश्री ब्रह्महदया ब्रह्नविष्णु शिवप्रिया॥ १२९॥
वरियाशक्तिज्ञानज्क्ति: परा गतिः।
्षोभिका थिका भेद्या भेदाभेदविवजिता!॥। १३०॥
अभिन्ना भिन्रसंस्वाना वक्चिनी स॑ज्ञहारिणी।
गुछाशक्तिगुणातीता सर्वदा सर्वतोपुखौ। १३ १॥
अनाहता, कुण्डलिनी, नलिनी, पद्मभासितों, सदानन्दा,
ब्रह्मकला,
सदाकीर्ती. सर्वभूताश्रयस्थिता, वाग्देवता,
कलातोता, कलारणो, ब्रदाश्रो, ब्रहाहदया, ब्रह्मविष्णु-
शिवप्रिया, व्योपशक्ति, क्रियाशक्ति, ज्ञानशक्ति, परागति,
क्षोभिका, भेद्या. भेदाभेदविविता, अभिन्ना, भिन्नसंस्थाना,
कूर्ममहापुराणम्
वशिनी, वंशहारिणी, गुह्यशक्ति, गुणातीता, सर्वदा,
सर्वतोमुखो।
भगिनो भगवत्पली सकला कालहारिणी।
सर्वव सर्वतोभद्रा गुक्लातीवा गुहावलि:॥ १३२॥
प्रक्रिया योगमाता च गङ्गा विश्ेश्वरेशरो।
कलिला कपिला कान्ता कमलाभा कलान्तरा॥ १३३॥
पण्या पृष्करिणी भोक्त पुरन्दरपुरस्सरा।
पोषिणी परमैश्चर्यभूतिदा भूतिभूषणा॥ १३४॥
पश्व्रह्नसपुत्पति
धर्पोदिया भानुपत योगिज्ेया पनोजवा॥ १३५॥
धगिनी, भगवत्पत्रौ, सरला, कालहारिणों, सर्ववित्,
सर्वतोभद्रा, गुद्यातीता, गुहावलि, प्रक्रिया, योगमाता, गंगा,
विश्लेश्वेश्रोी, कलिला, कपिला, कान्ता, कमलाभा,
ङलान्तरा, पुण्या, पुष्करिणी. भोवत्रों, पुरन्दरपुरःसरा
पोपिणौ, परपैश्नर्यभूतिदा, भूतिभूषणा, पञ्चत्रह्मसमुत्पति
परपार्थाधंविग्रहा, धर्मोदया, भानुमतो, योगिद्धेया, मनोजव।
मनोरमा पनोरस्का तापसी वेदरूपिणी।
वेदशक्तिवेंदपाता वेदविद्याप्रकाशिनी॥ १३६॥
योगेश्नरेश्वरी पाता महाशक्तिर्मनोमयी।
विश्वावस्था वियसूर्त्िविध्युन्माला विहायसी॥ १३७॥
छिग्ररी सुरभी विद्या नन्दिनों मददिवल्लभा।
भारतो परपानन्दा परापरविभेदिका॥ १३८॥
सर्वप्रहरणोपेता काम्या कापेशवेश्वरी।
अविन्त्यानन्तविभवा भूलेखा करकप्रभा॥ १३९॥
मनोरमा, मनोरस्का, तापसो. वेदरूपिणौ, वेदशक्ति,
वेदमाता, वेदविद्या-प्रकाशिनी, योगेश्नेश्ररी, माता,
महाशक्ति, पनोमयो, विश्वावस्था, वियन्ति, विधुन्माला,
विहायसो, किन्नरी, सुरथौ, विद्या, नन्दिनी, नन्दिवा्नभा,
भारती, परमानन्दा, परापरविधेदिका, सर्वप्रहरणोपेता,
काम्या, कामेश्वरी, अचिन्त्य, अनन्तविभवा, भूलेखा,
कनकप्रभा
कृष्पाण्डी धनरलाङ्ण युग्या गयदायिनी।
ब्रिविक्रमपदोद्धूता धनुष्पाणिः शिवोदवा॥। १४०॥
सुदुर्लभा धनाध्यक्षा धन्वा पिंगललोचना।
शान्ति: प्रमावती दीप्निः पङ्कलायतलोचना॥ १४ ९॥
आद्या भूः कमलोद्धूता गवां माता रणप्रिया।
सत्छिया गिरिशा शूद्धिित्यपुष्टा निरन्तरा॥ १४२॥
दुर्गा कात्यायनी चंड़ो चर्च्चितांगा युचि्रहा।