* चनदरवंशके अन्तर्गत जद, कुशिक तथा भृगुवंशका संक्षिप्त वर्णन « १९
अजके पुत्र दशरथ हुए। दशरथसे महायशस्वी | धर्मात्मा उक्य, उक्यसे वज्रनाभं और वज़नाभसे
धर्मात्मा श्रीरामका प्रादुर्भाव हुआ। श्रीरामचन्द्रजीक | नलका जन्म हुआ। मुनिवरे! पुराणपें दो ही नल
पुत्र कुशके नामसे विख्यात हुए। कुशसे अतिथिका | प्रसिद्ध हैं-एक तो चन्द्रवंशोय बीरसेनके पुत्र थे
जन्म हुआ, जो बड़े यशस्वौ और धर्मात्मा थे।| और दूसरे इक्ष्वाकुबंशके धुरंधर बीर थे। इक्ष्बाकु-
अतिथिके पुत्र महापराक्रमी निषध थे। निषधके | वंशके मुख्य-मुख्य पुरुषोंके नाम बताये गये। ये
नल और नलके नभ हुए। नभके पुण्डरीक और सूर्यवंशके अत्यन्त तेजस्वी राजा थे। अदितिनन्दन
पुण्डरीकके क्षेमधन्वा हुए। क्षेमधन्याके पुत्र | सूर्यकौ तथा प्रजाओंके पोषक श्राद्धदेव मनुकी
महाप्रतापी देवानीक थे। देवानीकसे अहीनगु, | इस सृष्टि-परम्पराका पाठ करनेवाला मनुष्य संतानवान्
अहीनगुसे सुधन्वा, सुधन्वासे राज शल, शलसे | होता और सूर्यका सायुज्य प्राप करता है ।
नन
चन्द्रबंशके अन्तर्गत जह, कुशिक तथा भृगुवंशका संक्षिप्त वर्णन
लोमहर्षणजी कहते हैं--पूर्वकालमें जब ब्रह्माजी
सृष्टिका विस्तार करना चाहते थे, उस समय |
उनके मनसे महर्षि अत्रिका प्रादुर्भाव हुआ, जो
चद्धमाके पिता थे। सुननेमे आया है कि अत्रिने
तीन हजार दिव्य वर्थोतक अनुत्तर नामकी तपस्या
की धी, उसमें उनका वीर्य ऊर्ध्वगामी हो गया
था। वही चद्धमाके रूपे प्रकट हुआ। महर्षिका
यह तेज ऊर्ध्वगामी होनेपर उनके नेज्रोंसे जलके
रूपमें गिरा और दसों दिशाओंको प्रकाशित करते
लगा। चन्द्रमाको गिरा देख लोकपितामह ब्रह्माजीने
बिठायां। अत्रिके पुत्र महात्मा सोमके गिरनेपर , क ८
ब्रह्माजीके पुत्र तथा अन्य महर्षि उनकी स्तुति
करने लगे। स्तुति करनेषर उन्होंने अपना तेज 4 (४:
समस्त लोकोंकी पुष्टिके लिये सय ओर फैला | स्तवनसे तेजको पाकर महाभाग चन्द्रमाने बहुत
दिया। चन्द्रमाने उस श्रेष्ठ रथपर बैठकर समुद्रपर्यन्त | वर्षौतक तपस्या की; उससे संतुष्ट होकर ब्रह्मवेत्ताओंमें
समूची पृथ्वोको इक्कीस बार परिक्रमा की। उस , श्रेष्ठ ब्रद्माजीने उन्हें बीज, ओषधि, जल तथा
समय उनका जो तेज चूकर पृथ्वीपर गिरा, उससे | ब्राह्मणोंका राजा बना दिया। मृदुल स्वभावबालोंमें
सब प्रकारके अन्न आदि उत्पन्न हुए, जिनसे यह सबसे श्रेष्ठ सोमने वह विशाल राज्य पाकर
जगत् जीवन धारण करता है। इस प्रकार महर्षियोंके | राजसूय-यज्ञका अनुष्ठान किया, जिसमें लाखोंकी