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कक्कर कक्कर करक ऊ ङ
द नमः
श्रीमद्धागवतमहापुराण
सप्तम स्कन्ध
> स्तम्भसम्भवमद्धुतम्।
भक्तत्राणाय बिभ्राणं वासुदेवमुपास्महे ॥
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